Saturday, May 21, 2016

जल अनमोल रे .......

जल अनमोल रे 

 

पानी बिना आदमी कभी जी नहीं सकता। 
बिना जल आदमी प्रगति भविष्य में कर नहीं सकता। 
पानी बिना यह संसार आगे बढ़ नहीं सकता। 
बिना जल मकान बाजार कभी बन नहीं सकता। 
जल ही जीवन है, सदा हम सबका यह खेल रे। 
जल अनमोल रे, भैय्या जल अनमोल रे। 

जीवन में जल अमृत है सुदपयोगकीजिए। 
आवश्यकता अनुसार ही जल काम में लीजिए। 
अनेक जगह पाइपों में बर्बाद जल हो रहा है। 
जल की मूल्य समझो बहता पानी कह रहा है। 
जल  जीवन का प्राण है, इसे यु ही मत ढोल रे। 
जल अनमोल रे, भैय्या जल अनमोल रे। 

जल है यो कल है बाकी कोरे नल है
जल है तो बल है नहीं तो सब निर्बल है। 
"जल बचाओ" इसको सब साकार कराओ रे। 
प्याऊ और पौ, अन्य जल भरा पुण्य कमाओ रे। 
पानी धरा पर कम हो गया अब तो समझो मोल रे। 
जल अनमोल रे, भैय्या जल अनमोल रे।

जल के लिए सब आपस में ही लड़ रहे है। 
समझदार होतो हुए भी सब यों ही अड़ रहे है। 
जल के समाधान की कोई योजना बनाओ रे। 
ख़राब टूयूबवैल हैंडपंप इनको सही कराओ रे। 
जन प्रतिनिदियो व प्रशासन की खुल गई पोल रे। 
जल अनमोल रे, भैय्या जल अनमोल रे।



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