Sunday, May 15, 2016

सरस्वती माँ........

सरस्वती माँ शारदे ,
वरदान हमको दीजिए 
रात दिन हो स्मरण तेरा 
ऐसी कृपा अब कीजिये। . 
सरस्वती माँ........ 

मुर्ख हूँ  नादान हूँ  मैं ,
ध्यान से अनजान हूँ। 
तेरी शरण में आ गया हूँ। 
ज्ञान मुझको दीजिए।।

काव्य कौशल कुछ न जानु 
मात तुझको अपना मानू। 
पुत्र तेरा मानकर माँ। 
काव्य शक्ति दीजिए।
सरस्वती माँ........ 
 

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