Sunday, February 7, 2016

Dadi Jankiji A spiritual Way

दादी जानकी जी

एक रेशम की डोर जैसा उनकी ज्ञान की शुद्धता है ज्ञान रत्नों की चमक उनके पास है और वो चमक हर कोई जो उनसे मिलता है वो उस ज्ञान की चमक का अनुभव करता ही है चाहे वो कुछ सेकंड के लिए ही मिले हो। ज्ञान की सुंदरता से वो भरपूर है उनके हर शब्द हमारे हृदय के अंतरंग को छू लेते है। और हमें भी उस परम शक्ति को पा लेने की स्वत प्रेरणा देती है।
दादी जी कहती है हमें सिर्फ आत्मा का पाठ नहीं पढ़ना है लेकिन आध्यात्मिक शक्तियों का अनुभव करना है ज्ञान की गहराइयो में जाकर जीवन जीने का रास्ता ढूंढना है ज्ञान सिर्फ सुनने तक न हो बल्कि हमारे हर कर्म में ज्ञान का दर्शन हो।
दादी जानकी के साथ के वार्तालाप में एक अनोखा एकरूपता है और बड़ी दिलचस्प बात ये है की उनके  शब्दों में कोई मिश्रण नहीं है आज ये है तो कल वो है।  दादी को अपनी यात्रा का ज्ञान है ऐसे नहीं जैसे आप सिर्फ ड्राइवर के सीट पर बैठे हो और स्टेरिंग पर हाथ है और कोई दूसरा रास्ता बता रहा हो नहीं दादी को अच्छी तरह पता है कहा जाना है उसका पूरा नक्शा उनके बुद्धि में है।

No comments:

Post a Comment