Monday, March 24, 2014

Hindi Motivational & Inspirational Stories - " सम्पूर्ण समर्पण "

सम्पूर्ण समर्पण

             सम्पूर्ण समर्पण कि बात को एक सुन्दर उदहारण से हम समझ पायेंगे इस में मुझे महत्मा बुद्ध और एक राजा कीं वह घटना याद आता है। दर्शनाभिलाषी एक राजा महत्मा बुद्ध के दर्शन करने गए।  महत्मा बुद्ध के लिये उसके मन में अपार श्राद्ध और प्रेम था।  इसलिये वह एक हार, जो विशिष्ट हीरे - मोतियों से बनी एक अदभुत कलाकृति थी, उसे एक हाथ में लिये तथा दूसरे में एक सुन्दर गुलाब का पुष्प लिये महत्मा बुद्ध को अर्पित करने उनके सन्मुख पहुँचे। जैसे ही राजा ने वह बहुमूल्य हार महत्मा बुद्ध को अर्पित करने के लिये अपना हाथ आगे बढ़ाया तुरन्त महत्मा बुद्ध बोले - राजन ! इसे गिरा दो। एक आघात सा लगा राजा को। क्यों कि उसे इस प्रत्यूत्तर की अपेक्षा नहीं थी अपने श्राधेय से। लेकिन उसने आदेश अनुसार उस हार को गिरा दिया। (राजा को इस बात का ख्याल भी नहीं था, कि बुद्ध ऐसा कुछ बोलेंगे अब और परीक्षा बाकी थी )

          राजा ने अपने मन में सोचा - शायाद लौकिक सम्पदा से बुद्ध को क्या लेना ? चलो, यह गुलाब का पुष्प ही भेंट कर दे। क्यों कि यह तो थोड़ा अलौकिक है। लेकिन जैसे ही राजा ने गुलाब के उस पुष्प को भेंट करने हेतु अपना दाहिना हाथ बढ़ाया महात्मा बुद्ध ने फिर कहा - इसे भी गिरा दो। राजा की परेशानी तो तब और अधिक बढ़ गई क्यों कि अब भेंट करने के लिये पुष्प के अतिरिक्त उसके पास और कुछ भी नहीं था। लेकिन महात्मा बुद्ध के कहने पर उसने उस सुन्दर गुलाब को भी गिरा दिया।

        राजा को अचानक अपने मै का ख्याल आया। उसने सोचा -  क्यों न मै अपने को ही समर्पित कर दू। और वह अपने दोनों खाली हाथ जोड़कर महत्मा बुद्ध के सामने झुक गया। बुद्ध ने फिर कहा - इसे भी गिरा दो।  महत्मा बुद्ध के सभी शिष्य जो वहाँ खड़े थे, यह सुनकर हँसाने लगे। तभी राजा को यह बोध हुआ कि यह कहना भी कि मै अपने को समर्पित करता हूँ, यह भी अहंकर का एक हिस्सा है। इस 'मै ' के अहंकर को भी गिरा देना है और उसने अपने को सम्पूर्ण रूप से महत्मा बुद्ध के चरणों पर गिरा दिया। महत्मा बुद्ध मुस्कुराये और बोले - राजन, तुम्हारी समझ अच्छी है।

सीख - किसी भी बात का कोई अहंकर ना हो वाही सच्ची समर्पणता है समर्पण होना और करना इस से भी परे होना है समर्पण बहार कि बात नहीं ये तो अन्दर की बात है आत्मा अनुभूति की बात है

         

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