Thursday, March 20, 2014

Hindi Motivational & Inspirational Stories - " ऐसी वाणी बोलिये (युक्ति से मुक्ति ) "

ऐसी वाणी बोलिये (युक्ति से मुक्ति )

      एक राजा का सब से प्रिया हाथी बिल्कुल बूढ़ा हो चला था। गॉव के कुछ प्रमुख्य लोगो को बुलाकर राजा ने वह हाथी उनको सौंप दिया और कहा कि इसकी अच्छी तरह से संम्भाल करना। और हाथी का हाल - समाचार रोज हमें बताते रहना। लेकिन जो भी व्यक्ति इस हाथी के मरने की खबर लेकर आयेगा उसे मौत की सजा दी जायेगी। राजा कि बात को कौन टल सकता था। उस समय तो सब ने हाँ कह दिया और हाथी को अपने साथ लेकर आये और राजा के बताये अनुसार हाथी की अच्छी देख - रेख करते रहे। और कुछ दिनों के बाद वह हाथी मर गया। अब सब गॉव के लोगो के सामने एक समस्या थी कि यह खबर लेकर राजा के पास कौन जाये? बहुत सोच विचार चला सब के मन में डर था। और उसी गॉव में एक गरीब बूढ़ा रहता था, जो बहुत बुद्धिमान था। उसने सुना तो वह बोला कि मै राजा के पास जाऊँगा, आप लोग चिन्ता छोड़ दो, मुझे कुछ भी नहीं होगा। दूसरे दिन वह सवेरे दरबार में राजा के पास पहुँचा और हाथ जोड़ कर बोला - अन्नदाता, आपने हम सबको सम्भालने के लिए जो हाथी दिया था वह कल दोपहर से न तो श्वास ले रहा है, न कुछ खा रहा है, न करवटें बदल रहा है, जैसे लेटा था वैसे ही लेटा है और न ही पानी पी रहा है। राजा ने तुरन्त पूछा - क्या वह मर गया ? वह बोला - महाराज ! ये हम कैसे कहे ? ऐसी बात सुनकर राजा उसकी विवेकशीलता पर बहुत खुश हुआ और उसे अपने सभासदों के साथ ही रख दिया, साथ में बहुत सारे उपहार भी दिये। उस बुद्धिमान बुजुर्ग की तरह हम भी अपने सकारात्मक बोल से सभी का दिल जीत सकते है। इसी लिए हमें सर्व के प्रति सदा शुभ भावना और शुभ कामना रख सकारात्मक बोल ही बोलने चाहिये।

सीख - हमें कोई भी बोल बोलने के पहले सौ बार अवश्य सोच लेना चाहिए कि इस बोल का उस व्यक्ति पर क्या प्रभाव पड़ेगा।  विद्धानों ने कहा है - पहले तोलो, फिर बोलो। हमें यह शब्द सदा याद रखना चाहिए -

ऐसी वाणी बोलिये, मन का आपा खोए। 
औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होये।।
 

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