Wednesday, January 29, 2014

" वीर महावीरों कि बाते मुझे अच्छे लगते है ' Hindi Kavitha

वीर महावीरों  कि बाते मुझे अच्छे लगते है
पर आज के युग में शयद वो बाते सम्भव नहीं
देश पर कुर्बान उन बलिदानो को सलाम
आज अपने घर में सब हिलमिलकर रहे
ये भी कोई कम बात नहीं
वीर महावीरों  कि बाते मुझे अच्छे लगते है
कल कि बात है दादाजी मुझे महाराणा प्रताप 
कि वीर गता सुनायी, मेरे भी रोंगटे खड़े हो गए 
सा ह्रदय से करता हु में उनको प्रणाम 
देश पर कुर्बान उन बलिदानो को सलाम
आज अपने घर में सब हिलमिलकर रहे
ये भी कोई कम बात नहीं
वीर महावीरों  कि बाते मुझे अच्छे लगते है
वक्त बदला है आज ना हाथी है ना घोड़े 
ना ही वो तलवार ना ही वो राजशाही 
देश पर कुर्बान उन बलिदानो को सलाम
आज अपने घर में सब हिलमिलकर रहे
ये भी कोई कम बात नहीं
वीर महावीरों  कि बाते मुझे अच्छे लगते है
आज उम्र कम पर काम बड़े का जमाना है 
मुख रंगीन हाथो में सफ़ेद दीया सलाई 
कभी काच कि बोतल हाथ में  तो 
कभी काली सफेद डिब्बी हाथ में 
ये मुझे कभी अच्छे नहीं लगते
देश पर कुर्बान उन बलिदानो को सलाम
आज अपने घर में सब हिलमिलकर रहे
ये भी कोई कम बात नहीं
ये भी कोई कम बात नहीं

रमेश खाड़े
 

Saturday, January 25, 2014

26 Jnuary 2014

                                                
भारत की आजादी 15 अगस्‍त 1947 के बाद कई बार संशोधन करने के पश्चात भारतीय संविधान को अंतिम रूप दिया गया जो 3 वर्ष बाद यानी 26 जनवरी 1950 को आधिकारिक रूप से अपनाया गया। तब से 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस मनाते आ रहे हैं। इस बार हम 61वाँ गणतंत्र दिवस मनाएँगे।
अब हमे देखना है कि कितनी मेहनत और बलिदानों के बाद मिली ये गणतंत्र को सफल बनाने के लिए हम खुद से क्या कर सकते है 
हर एक भारतीय नागरिक को अपने अंदर से ये सवाल करना होगा कि में क्या कर सकता हूँ इस गणतंत्र को सफल बनाने के लिए 
और में सोचता हूँ कि हमें बस एक कार्य करना है वो है नैतिक मूल्य जिन्हे हम किताबी बाते कह कर कार्य में अपने जीवन में नहीं उतारते बस उन मूल्यो को जीवन में लाना होगा जैसे कि सच्चाई सफाई ईमानदारी से अपना कार्य करेंगे तो अपने आप ये दिन हमारा 
सफल हो जायेगा। … गणतंत्र दिवस कि जय हो , गणतंत्र दिवस कि जय हो, गणतंत्र दिवस कि जय हो। …
 

Wednesday, January 22, 2014

A Interview with S.P. Sonkusale (Nabard DDM)




 शिवरामन समिति (शिवरामन कमिटी) की सिफारिशों के आधार पर राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक अधिनियम 1981 को लागू करने के लिए संसद के एक अधिनियम के द्वारा 12 जुलाई 1982,
को नाबार्ड की स्थापना की गयी. इसने कृषि ऋण विभाग (एसीडी (ACD) एवं भारतीय रिजर्व बैंक के ग्रामीण योजना और ऋण प्रकोष्ठ (रुरल प्लानिंग एंड क्रेडिट सेल) (आरपीसीसी (RPCC))
तथा कृषि पुनर्वित्त और विकास निगम (एआरडीसी (ARCD)) को प्रतिस्थापित कर अपनी जगह बनाई. यह ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण उपलब्ध कराने के लिए प्रमुख एजेंसियों में से एक है.
 
कृषि, लघु उद्योग, कुटीर एवं ग्रामीण उद्योग, हस्तशिल्प और अन्य ग्रामीण शिल्पों के उन्नयन और विकास के लिए ऋण-प्रवाह सुविधाजनक बनाने के अधिदेश के साथ नाबार्ड 12 जुलाई 1982 को एक शीर्ष विकासात्मक बैंक के रूप में स्थापित किया गया था. उसे ग्रामीण क्षेत्रों में अन्य संबंधित क्रियाकलापों को सहायता प्रदान करने, एकीकृत और सतत ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने और ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि सुनिश्चित करने का भी अधिदेश प्राप्त है.


नाबार्ड को इसके 'एसएचजी (SHG) बैंक लिंकेज कार्यक्रम' के लिए भी जाना जाता है जो भारत के बैंकों को स्वावलंबी समूहों (एसएचजीज (SHGs)) उधार देने के लिए प्रोत्साहित करता है. क्योंकि एसएचजीज का गठन विशेषकर गरीब महिलाओं को लेकर किया गया है, इससे यह मिक्रोफिनानस के लिए महत्वपूर्ण भारतीय उपकरण के रूप में विकसित हो गया है. इस कार्यक्रम के माध्यम से मार्च 2006 तक 33 मिलियन सदस्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले 2200000 लाख स्वयं सहायता समूह ऋण से जुड़ चुके थे.
नाबार्ड के पास प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन कार्यक्रम का भी एक (विभाग)पोर्टफोलियो है जिसमें के एक समर्पित उद्देश्य के लिए स्थापित कोष के माध्यम से जल संभर विकास, आदिवासी विकास और नवोन्मेषी फार्म जैसे विभिन्न क्षेत्रों को शामिल किया गया है.

Tuesday, January 21, 2014

" Wakth Ki Awaaz "



राज योगा एक ऐसी वैज्ञानिक प्रमाणिक पद्धति है।जिसके लिए न तो ज्यादा साधनों की जरुरत होती हैं और न ही अधिक खर्च करना पड़ता है। इसलिए पिछले कुछ सालों से योगा की लोकप्रियता और इसके नियमित अभ्यास करने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
राज योग का करे प्रयोग और जीवन को बनाये सुन्दर और शक्ति शाली। ……………।

Wednesday, January 15, 2014

पतंग - आज पतंग अलग ही नजर आ रही (patang)

पतंग




इस सुहानी धूप में
आज पतंग अलग ही नजर आ रही ,
मन मनो कह रहा हें
आज मै इस गगन में झूम - झूम नाचू
इधर जाउ उधर जाऊ
इस पार  जाऊ उस पार  जाऊ
आज  इस खुदरत की गोद में जाकर बैठ जाऊ 
और सबको अपना गीत सुनाऊ
और ये पतंग उड़ाने का अनुभव इतना सुंदर हें मानो
इश्वर का बार बार धन्यवाद है जो पतंग बनाया
जिसमे चार चाँद और लग जाते तब
जब इस सुनहरी धूप में , मै असमान में उडाता हुवा पतंग देखता हु
और अपनी बाहों को फेलाकर तब नाचता हू
और इस पतंग की डोर लेकर इस
जहा मै मदहोश हो जाता हु
इस सुहानी धूप में
आज पतंग अलग ही नजर आ रही

Sunday, January 12, 2014

" एक कहानी है ज़िंदगानी "

 एक कहानी है ज़िंदगानी
 
 
 
एक कहानी है ज़िंदगानी
किसी जुबां से किसी कलम से
अपने अपने अंदाज़ में
बया होती है ज़िंदगानी
एक कहानी है ज़िंदगानी
किसी के दर्द से किसी के
आंसू से किसी के मुस्कान से
किसी के अल्फाज से
कहती है कुछ ज़िंदगानी
एक कहानी है ज़िंदगानी


आप और हम और लोग
सभी है इस राह पर
हर कोई समझना चाहता है
ज़िंदगानी का असली रंग
एक कहानी है ज़िंदगानी
मेरे मन में रोज कुछ सवाल आते है
श्याम तक कुछ हल होते है कुछ रह जाते है
शयद आप के साथ भी ऐसा ही होता है
एक कहानी है ज़िंदगानी
आज हम कल कि बाते सुनते है
और कल हम आज कि सुनेंगे
हर लम्हा अपनी कहानी बनता है
आप कि भी एक कहानी है
मेरी भी एक कहानी है
एक कहानी है ज़िंदगानी
एक कहानी है ज़िंदगानी

Wednesday, January 1, 2014

"नये साल की मुबारक और शुभ कामनाए मिले है"

                         

नये साल की मुबारक और शुभ कामनाए मिले है
आज सुबह ही एक कार्ड पर नज़र पड़ी
बड़े अच्छे मोतियो का दर्शन हुवा
दिल गदगद हो गया और दिल गुनगुनाने लगा
वहा वहा मेरे दोस्त वहा.........
नये साल की मुबारक और शुभ कामनाए मिले है
जैसे बरिश होती है तो....... आनंद
लेना या नहीं लेना मेरे ही मन पर है 
आज क्यू ना मिले हुवे शुभ भावना
का ही उपयोग कर ले ......
नये साल की मुबारक और शुभ कामनाए मिले है 
देखना है शुभ भावना के मोतियो को
कब और कैसे उपयोग मे लाये
हर बात समय पर या समय के पहले
याद आ जाये तो बात बनती है 
नये साल की मुबारक और शुभ कामनाए मिले है
नये साल की मुबारक और शुभ कामनाए मिले है