Wednesday, November 13, 2013

" एक ख़मोशी के साथ देखे तो ज़िन्दगी "

                                           
                       

एक ख़मोशी के साथ देखे तो ज़िन्दगी
हमको हर पल हर वक्त कुछ न कुछ सिखाती है
हमारे पास सब कुछ होते हुवे भी
हम सदा खुश नहीं रहते
और कुछ ऐसे भी लोग है
शारीर के मुक्य अंग नहीं होने
के बौजूत खुश रहते है और ख़ुशी बाटते है
एक ख़मोशी के साथ देखे तो ज़िन्दगी
हमको हर पल हर वक्त कुछ न कुछ सिखाती है
वक्त के साथ कभी कभी हम
जीना भी सिख जाते है
छोटी छोटी खुशियाँ हमारे साथ होती है
लेकिन अचानक बड़ी ख़ुशी पाने के
कायल से छोटी छोटी खुशियो से दूर हो जाते है
और बड़ी खुशियो की बात में बाते बड़ी हो जाती है
एक ख़मोशी के साथ देखे तो ज़िन्दगी
हमको हर पल हर वक्त कुछ न कुछ सिखाती है
में सोचता हु ख़ुशी बड़ी हो या छोटी हो
बात बड़ी हो या छोटी हो
हमको तो हर पल खुश रहना है
चाहे हम जग रहे है या हम सो रहे हो
तो भी सपना खुशियो का हो
अगर हम खुश नहीं है तो भी ख़ुशी की एक्टिंग करे
और एक्टिंग करते करते खुश रहने कि आदत हो जय
एक ख़मोशी के साथ देखे तो ज़िन्दगी
हमको हर पल हर वक्त कुछ न कुछ सिखाती है

               

रमेश

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