Sunday, October 6, 2013

Shantidoot Yuva Cycle Yatra-2013


मुझे ख़ुशी है की  शांतिदूत युवा साइकिल यात्रा २०१३  (आबू रोड से भीनमाल)  में जाने का चान्स  मिला
 साइकिल यात्रा का नाम सुना कर ही में मनो मन अपने को तयार कर लिया था पर दिल में ये भी था की कैसे सेवा होगा और साइकिल चलने का आदत तो कम था पर मन में था की बाबा सब कुछ सिखा  देगा और शक्ति भी देगा तो जैसा सोचा था वैसे ही हुवा .
  ट्रेनिंग मिलने के बाद एक विश्वास बढ़ा और फिर निश्चिंत होकर साइकिल यात्रा पर निकाल पढ़े। ज़ैसे जैसे यात्रा आगे बड़ा वैसे वैसे मुझे बहुत कुछ सीकने को मिला और अपनी छुपी हुयी प्रतिभा को प्रतक्ष करने का मोख भी मिला।  स्कूल और कॉलेज में बोलने का मोख मिला और एक ड्रामा भी किया (नारद और विष्णु का संवाद ) जो लोगो को और टीम को काफी पसंद आया और जिस से मेरे दिल का होसला बुलंद हुवा।
साइकिल चलते समय बहुत कड़ी धुप का सम्माना किया और तीन दिन बारिश में भी साइकिल चलने का अनुभव किया ये भी हमारे लिए और मेरे लिए एक विशेष अनुभव रहा घर में रहते तो बारिश के समय तो बहार ही नहीं निकलते और यात्रा में तो बहुत ख़ुशी से मौसम का आनंद उठाते साइकिल यात्रा किया और साथ साथ विशेष कार्यक्रम भी किये
ये सब बाबा की कृपा ही था जो मुझे शक्ति दिया और हम ऐसा कर पाए  अंत में मै येही कहना चाहुगा की अगर फिर से ऐसा मोख मिले तो जरुरु में साइकिल यात्रा करना चाहूँगा
और आप से भी कहूँगा की आप भी ऐसे स्वर्णिम औसर का अवश्य लाभ ले जो ख़ुशी मुझे मिली है वो आपको भी प्राप्त हो ये मेरी शुभ कामनाये।
कुछ विशेष अनुभव भी रहा साइकिल चलते चलते कभी कभी ऐसा भी लगा की साइकिल मै  नहीं साइकिल अपने आप चल रही हो में साइकिल पर हु और चला कोई और रहा है कुछ पल ऐसे अनुभव रहा जैसे परमात्म प्यार की रिम जिम मेरे ऊपर हो रहा है   ये अनुभव मेरे जीवन का एक यादगार पल जो में कभी भूल नहीं सकता।
उज्वल भारत के निर्माण के लिए मेरी ओर से एक बूंद का भी सहयोग हुवा हो तो ये मेरे लिए बहुत ख़ुशी की बात है और ऐसे शुभ कार्य के लिए सेवा के लिए में समय देता रहूँगा


                                          

No comments:

Post a Comment