Saturday, August 17, 2013

Think that we are in Good Hand


 सफल स्वस्थ और सुमधुर जीवन का पहला और आखिरी मंत्र है: सकारात्मक सोच। यह अकेला ऐसा मंत्र है, जिससे न केवल व्यक्ति और समाज की, वरन् समग्र विश्व की समस्याओं को सुलझाया जा सकता है। यह सर्व कल्याणकारी मंत्र है। मेरी शान्ति, सन्तुष्टि, तृप्ति और प्रगति का अगर कोई प्रथम पहलू है, तो वह सकारात्मक सोच ही है। सकारात्मक सोच ही मनुष्य का पहला धर्म  है  और यही उसकी आराधना का बीज मंत्र है। 
आपको एक सकारात्मक सोच बता रहे है
सदा ये सोचो की में ईश्वर के हाथो में बहुत सेफ और सुरक्षित हु 
मेरी पालना स्वम ईश्वर कर रहा है 
इस लिए मुझे चिंता करने की दरकार नहीं।
बस ईश्वर के बताये मार्ग पर निश्चिन्त होकर चलते रहो 
जो होगा अच्छा ही होगा।


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