Thursday, June 20, 2013

Self Realization

Self Realization 


 " मुझको यही ज़मीन यही आसमा मिले
   मरकर दोबारा आऊ तो हिंदी जुब़ा मिले
   दुनिया बहुत बड़ी है मगर मुझको इस से क्या ..
   जब भी वतन मिले यही हिन्दोसता मिले "

चलिए एक छोटा सा दृश अपने मन में बनाये .........
(आपके सिर के ऊपर एक बहुत ही सुंदर चन्द्रमा है आपके सिर और चन्द्रमा के बीच स्रिफ़ तीन फुट की दुरी है ...बस अब इस दृश को मन और बुद्धि से सेट कर ले अच्छी  तरह )

लाइट  म्यूजिक  प्ले  करे ......

में कुछ विशेष अनुभव करने के लिए तैयार हु ...में पूरी तरह बस यही हु .....
सब विचार से संकल्पों से सम्बन्धो से में अपने को अलग कर लिया हु ......

मेरा बाबा में पूरा विश्वास है और इस ही विश्वास के साथ अभी जो भी संकल्प करूँगा उस का अनुभव करूँगा ये भी मुझे विश्वास है ....

में एक चेतन्य आत्मा हु ......
मन बुद्धि और संस्कार ये मेरी शक्तिया है ...
में आत्मा इस शारीर रुपी वस्त्र को पहन कर अनेख जनम लेकर अलग अलग नाम
रूप लेकर पाठ बजाय है .....अब ये मेरा अंतिम और विशेष जनम है
जहा मेरा कायाकल्प हो रहा है ......
मेरी जनम जनम की थकान दूर हो रहा है
मुझे नव जीवन प्रधान हो रहा है .......
मेरी कोई हुई सारी संपत्ति फिर से मुझे मिल रहा है
वह मेरा भग्य वह
वह मेरा बाबा वह
वह ड्रामा वह .....

....लाइट म्यूजिक हाई वॉल्यूम से प्ले करे ........

एक बार दृश को इमर्ज करे और आपके सिर के ऊपर जो चन्द्रमा का आकार है
उसे मन की आँखों से देखिये और ये विश्वास के साथ अनुभव करे की
उस चन्द्रमा से सुंदर चमकते सफ़ेद किरणे ......निकल रही है और आपके सिर पर आ रही है .................... फील करे ....चन्द्रमा से शांति और सुख की किरणे निकल निकल कर आपके सिर पर पड़  रही है ......

और आपकी आत्मा को भरपूर कर रही है .........
और आप आत्मा बहुत ही लाइट  फील कर रही है  ........
आपका मन सुध हो रहा है सारा बोझ खत्म हो रहा है
कई जनम का बोझ ..उन्चाहे इच्छाए और व्यर्थ संकल्प शुन्य हो रहे है
.................
...........म्यूजिक  ........

में आत्मा अब रिफ्रेश हो गया हु ....नयी ताजगी और सुकुन महसूस कर रही हु
में आत्मा अब रिफ्रेश हो गया हु ....नयी ताजगी और सुकुन महसूस कर रही हु

....म्यूजिक ...........

मेरी आत्मा अब दिल से उस परमात्मा का मिठे बाबा का धन्यवाद करना चाहती है
मिठे बाबा आपका सुक्रिया धन्यवाद ......अपने मुझे इस लायेक समझा और मुझ पर अपने कृपा की ......कैसे आपका में सुक्रिया मानु मेरे पास शब्द नहीं है ....
मिठे बाबा अब में आपका हु और आप मेरे हो .....
मुझे ख़ुशी होगी अगर आप मुझे खुदाई किस्मतगर बना दे ......
में बाबा आपका और आप मेरे हो ......
अब ये जीवन बस तुम्हारे हवाले है
आप जैसा चाहो वैसे चलावो ...........
धन्यवाद बाबा सुक्रिया बाबा .......................
(अब इस तरह दृश बनाये की अब जो चन्द्रमाँ आपके सिर पर था और उस से किरणे निकल रहे थे ,,,अब वो चन्द्रमा पूरी तरह आपके अन्दर समां गया है .....और अब आप एक विशेष शक्ति से संपन आत्मा बन गए हो )

अब धीरे धीरे आप अपने चेतना के साथ जीवआत्मा की सिस्थी में आ जय और चहरे पर
मुस्कान लाकर ख़ुशी का प्रेम का अनुभव करे और ये अनुभव को साथ रखते हुवे कर्मयोगी
बन कर्म करते रहो ........

ॐ शांति

ॐ शांति

ॐ शांति

(बाबा - भगवन को प्यार से सम्बोधन करना )

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