Saturday, June 29, 2013

तुम्हारी आँख के आँसू

तुम्हारी आँख के आँसू
कभी जब याद आते हैं तुम्हारी आँख के आँसू
मुझे बेहद सताते हैं तुम्हारी आँख के आँसू
रहीं मजबूरियाँ क्या-क्या हमारे दरमियाँ अक्सर
व्यथा उनकी सुनाते हैं तुम्हारी आँख के आँसू
कभी बदली, कभी बारिश, कभी झरना, कभी दरिया
कभी सागर दिखाते हैं तुम्हारी आँख के आँसू
नयन की नाव में दिल के सफर पर जब निकलता हूँ
मुझे तब-तब डुबाते हैं तुम्हारी आँख के आँसू
ग़मों की रेत पर तपते हुए जीवन के सहरा में
हमेशा सूख जाते हैं तुम्हारी आँख के आँसू
कभी तुम आँख में अपनी इन्हें लाना न भूले से
किसी का दिल दुखाते हैं तुम्हारी आँख के आँसू
तुम्हारे लब की इक मुस्कान देती है खुशी मुझको
मगर बेहद रुलाते हैं तुम्हारी आँख के आँसू
Kavi - Praveen shukla


The Poems I Like the Most


Thursday, June 27, 2013

एक बार फिर सोचना होगा

 एक बार फिर सोचना होगा 

सोचा करता बैठ अकेले,
गत जीवन के सुख-दुख झेले,
दंशनकारी सुधियों से मैं उर के छाले सहलाता हूँ!
ऐसे मैं मन बहलाता हूँ!

नहीं खोजने जाता मरहम,
होकर अपने प्रति अति निर्मम,
उर के घावों को आँसू के खारे जल से नहलाता हूँ!
ऐसे मैं मन बहलाता हूँ!

आह निकल मुख से जाती है,
मानव की ही तो छाती है,
लाज नहीं मुझको देवों में यदि मैं दुर्बल कहलाता हूँ!
ऐसे मैं मन बहलाता हूँ!

जी हा हम सब कभी कभी युही मन को बहलाते है पर में कहता हु क्या ये सही है 
अगर नहीं तो एक बार फिर सोचना होगा ..........

Monday, June 24, 2013

Be Safe Do Meditation

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राज योग करते करते जब आप का अभ्यास बढता जाता है तो कुछ पल के लिए आप ऐसी लव लीन अवस्ता को प्राप्त हो जाते है जिस का शब्दों में अनुभव सुना नहीं सकते लेकिन अगर आप ये अभ्यास करना चाहते है तो आप को राज योग करना होगा और करते करते ही अनुभव होगा।

Thursday, June 20, 2013

Self Realization

Self Realization 


 " मुझको यही ज़मीन यही आसमा मिले
   मरकर दोबारा आऊ तो हिंदी जुब़ा मिले
   दुनिया बहुत बड़ी है मगर मुझको इस से क्या ..
   जब भी वतन मिले यही हिन्दोसता मिले "

चलिए एक छोटा सा दृश अपने मन में बनाये .........
(आपके सिर के ऊपर एक बहुत ही सुंदर चन्द्रमा है आपके सिर और चन्द्रमा के बीच स्रिफ़ तीन फुट की दुरी है ...बस अब इस दृश को मन और बुद्धि से सेट कर ले अच्छी  तरह )

लाइट  म्यूजिक  प्ले  करे ......

में कुछ विशेष अनुभव करने के लिए तैयार हु ...में पूरी तरह बस यही हु .....
सब विचार से संकल्पों से सम्बन्धो से में अपने को अलग कर लिया हु ......

मेरा बाबा में पूरा विश्वास है और इस ही विश्वास के साथ अभी जो भी संकल्प करूँगा उस का अनुभव करूँगा ये भी मुझे विश्वास है ....

में एक चेतन्य आत्मा हु ......
मन बुद्धि और संस्कार ये मेरी शक्तिया है ...
में आत्मा इस शारीर रुपी वस्त्र को पहन कर अनेख जनम लेकर अलग अलग नाम
रूप लेकर पाठ बजाय है .....अब ये मेरा अंतिम और विशेष जनम है
जहा मेरा कायाकल्प हो रहा है ......
मेरी जनम जनम की थकान दूर हो रहा है
मुझे नव जीवन प्रधान हो रहा है .......
मेरी कोई हुई सारी संपत्ति फिर से मुझे मिल रहा है
वह मेरा भग्य वह
वह मेरा बाबा वह
वह ड्रामा वह .....

....लाइट म्यूजिक हाई वॉल्यूम से प्ले करे ........

एक बार दृश को इमर्ज करे और आपके सिर के ऊपर जो चन्द्रमा का आकार है
उसे मन की आँखों से देखिये और ये विश्वास के साथ अनुभव करे की
उस चन्द्रमा से सुंदर चमकते सफ़ेद किरणे ......निकल रही है और आपके सिर पर आ रही है .................... फील करे ....चन्द्रमा से शांति और सुख की किरणे निकल निकल कर आपके सिर पर पड़  रही है ......

और आपकी आत्मा को भरपूर कर रही है .........
और आप आत्मा बहुत ही लाइट  फील कर रही है  ........
आपका मन सुध हो रहा है सारा बोझ खत्म हो रहा है
कई जनम का बोझ ..उन्चाहे इच्छाए और व्यर्थ संकल्प शुन्य हो रहे है
.................
...........म्यूजिक  ........

में आत्मा अब रिफ्रेश हो गया हु ....नयी ताजगी और सुकुन महसूस कर रही हु
में आत्मा अब रिफ्रेश हो गया हु ....नयी ताजगी और सुकुन महसूस कर रही हु

....म्यूजिक ...........

मेरी आत्मा अब दिल से उस परमात्मा का मिठे बाबा का धन्यवाद करना चाहती है
मिठे बाबा आपका सुक्रिया धन्यवाद ......अपने मुझे इस लायेक समझा और मुझ पर अपने कृपा की ......कैसे आपका में सुक्रिया मानु मेरे पास शब्द नहीं है ....
मिठे बाबा अब में आपका हु और आप मेरे हो .....
मुझे ख़ुशी होगी अगर आप मुझे खुदाई किस्मतगर बना दे ......
में बाबा आपका और आप मेरे हो ......
अब ये जीवन बस तुम्हारे हवाले है
आप जैसा चाहो वैसे चलावो ...........
धन्यवाद बाबा सुक्रिया बाबा .......................
(अब इस तरह दृश बनाये की अब जो चन्द्रमाँ आपके सिर पर था और उस से किरणे निकल रहे थे ,,,अब वो चन्द्रमा पूरी तरह आपके अन्दर समां गया है .....और अब आप एक विशेष शक्ति से संपन आत्मा बन गए हो )

अब धीरे धीरे आप अपने चेतना के साथ जीवआत्मा की सिस्थी में आ जय और चहरे पर
मुस्कान लाकर ख़ुशी का प्रेम का अनुभव करे और ये अनुभव को साथ रखते हुवे कर्मयोगी
बन कर्म करते रहो ........

ॐ शांति

ॐ शांति

ॐ शांति

(बाबा - भगवन को प्यार से सम्बोधन करना )

Saturday, June 15, 2013

"शांतिमय जीवन कैसे जिये ?"

"शांतिमय जीवन कैसे जिये ?"



कुछ मत करो, बस काम के समय काम करो 
और जब काम न कर रहे हो तो आराम करो।
शाम को दुकान से या दफ्तर से घर लौटो तो 
दुकान या दफ्तर घर मत लाओ और 
सुबह जब घर से दुकान जाओ तो घर को घर पर ही छोड़कर जाओ।
जहा हो वहा अपनी पूरी (१०० %) उपस्तिथि दर्ज कराओ।
आधे-अधूरे मन से कोई भी काम मत करो, इस से काम भी बिगड़ेगा और तनाव भी बढेगा।
झाड़ू ही क्यू न लगानी हो, पुरे आनंद से भर कर लगाओ।

और  येही शांतिमय जीवन जीने का राज है बस प्रैक्टिकल करके देखो।

Monday, June 10, 2013

" मेरे खुदा दोस्त "




 मेरे खुदा दोस्त


लोग मोहब्बत को खुदा का नाम देते है,
कोई करता है तो इल्जाम देते है।
कहते है पत्थर दिल रोया नही करते,
और पत्थर के रोने को झरने का नाम देते है।

भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
बात कहके तो कोई भी समझलेता है,
पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है...!

मुस्कराना ही ख़ुशी नहीं होती,
उम्र बिताना ही ज़िन्दगी नहीं होती,

दोस्त को रोज याद करना पड़ता है,
                    क्योकि दोस्त कहना ही दोस्ती नहीं होती..............

Sunday, June 9, 2013

देशप्रेम! (The Peoms I Love the Most)

देशप्रेम!!
एक विडम्बना है
वह जो भावों से परिपूर्ण भवन के आधार की कल्पना है
आज के युग में आभावों से परिपक्वा मानव की विडम्बना है ।
कण- कण भावहीन है,
फिर भी भावों के प्रभाव का ही नाम जपना है ।
शरीर, मन , आत्म सब परायी है,
केवल धन ही अपना है
भ्रष्टाचार में लिप्त!
आत्म की आवाजों को सुनना, एक पागलपन है ।
सत्य, अहिंसा , प्रेम नही आज के आदर्श,
बल्कि लोभ, लालच और कमाना है।
मन में विदेश सुख की आस है,
और पराया देश ही अपना है ।
ओ ! धनवृष्ती को आतुर नयन,
देशप्रेम !!
केवल एक विडम्बना है।

The Poems Which I love the Most


मैं जन्म, जीवन व मृत्यु का आधार चाहता हूँ ।
मैं भारत भूमी पर जन्म बारम्बार चाहता हूँ ।

विश्व का तिलक,
भूमी का आभूषण,
मतृत्व का भूषन,
और भारत का चहुमुखी विस्तार चाहता हूँ ।
मैं जन्म, जीवन व मृत्यु का आधार चाहता हूँ ।

लोगों का कोमल स्नेह,
वृधों का आशीर्वाद,
गॉव की हरियाली,
शहर की आकर,
और भारत माता का प्यार चाहता हूँ ।

हिमालय की ऊंचाई,
मानवता की गहराई,
गंगा की पवित्रता,
आत्म की स्वच्छता,
और भारत भूमि पर जन्म लेकर,
अपना उद्धार चाहता हूँ।
मैं जन्म, जीवन व मृत्यु का आधार चाहता हूँ ।

सत्य का आकाश,
भारत का विकास ,
मानवता का प्रकाश,
और इस धर्मनिरपेक्ष भूमि पर ईश्वर का वास चाहता हूँ।

मैं भारतीयता का सम्मान ,
बहुमुखी संकृति का आंचा,
की सौंधी खुशबु
माता की चरण धूलि चाहता हूँ,
मैं जन्म, जीवन व मृत्यु का आधार चाहता हूँ ।

Saturday, June 8, 2013

Clever & wise

Yesterday I was clever so I wanted to change the world
Today I am wise so I am changing my self.......

कल में अकलमंद था तो सोचा दुनिया को बदल दू 
आज में समझदार हु तो सोचा पहले खुद को बदल दू ....

व्यक्ति चाहे कितना  भी होशियार हो जाये पर दुनिया को बदल नहीं सकता लेकिन ये हो सकता है की व्यक्ति
खुद में अगर बदलाव लाये तो वो दूसरो को बदल सकता है .........................इस लिए कहा है .. "स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन"

Tuesday, June 4, 2013

"पर्यावरण बचाओ"

पर्यावरण बचाओ


कैसी  ये जंगल की लीला नियरी हे
कितनी मनोहराम ये जंगल की हरियाली हे

पंछी जहा अपने गीत सुनते
हारे हारे पर्वत् सब को रिजाते

कितनी प्यारी हवा हे आती
सब का  मान को वो हे भाती
कैसी ये जीवन की क्यारी हे
कितनी प्यारी ये हरियाली हे

पेड़ो की पत्तिया रोज नई सरगम सुनती
दूर से बहती नदी देखो कितनी इतलाती
हरी हो चली धरती सारी
चारो ओर जब फैली हरियाली

फुलो से कितनी प्यारी वो खुश्बू आती
चिड़िया की चाह चाहत कितनी लुभाती

सावन जब आता हे सब के दिलो मे रंग भर जाता हे
सब प्रेमी लोगो को हरियाली का मोसाम कितना भाता हे

जन्नत लगती हे धरती जब उमड़ कर आती हे हरियाली
मन प्रफुलित हो जाता हे जब लहर लहर लहराती हरियाली


केसी ये हरियाली हे
कितनी प्यारी ये हरियाली हे

Sunday, June 2, 2013

some time a small quote leads you up

                                                                                                          

Some time a small quote leads you up

Luck, Fortune,Blessing and etc words make sometime fair to hard work
and only when we start doing hard work with whole heart then we make our Fortune

लक भाग्य  नसीब ये शब्द कभी कभी हमको मेहनत से दूर करते है लेकिन 
जब हम और आप दिल से मेहनत करते है तो हमारा भाग्य का द्वार हम खोल देते है 

इस लिए भाग्य के भरोसे नहीं रहना है मेहनत कर के अपने भाग्य में चार चाँद लगाना है